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उज्जैन में कलेक्टर ने की भावांतर योजना और जनकल्याण योजनाओं की समीक्षा, सभी अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश; पंजीयन प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा, 24 अक्टूबर से किसानों को खाते में मिलेगा भुगतान!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने सोमवार को प्रशासनिक संकुल भवन के सभागृह में एक अहम समीक्षा बैठक की। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री श्रेयांस कूमट, अपर कलेक्टर श्री शास्वत शर्मा, सीवायसी अधिकारी श्री अत्येंद्र सिंह गुर्जर, एसडीएम और सभी विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में कलेक्टर ने भावांतर योजना, किसान कल्याण, खाद्य सुरक्षा, शिकायत निवारण और अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए।
भावांतर योजना के पंजीयन पर विशेष जोर
कलेक्टर श्री सिंह ने सभी एसडीएम, तहसीलदार और संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि भावांतर योजना के पंजीयन को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि सभी पंजीयन 17 अक्टूबर तक पूरी तरह से संपन्न हों। योजना के लिए 147 पंजीयन केंद्र जिले में पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं और इन केंद्रों से किसानों का पंजीयन तेजी से पूरा कराया जाए। एनआईसी एमपीऑनलाइन, सीएससी और अन्य पंजीयन केंद्रों के साथ समन्वय करके कार्य को गति दी जाए। उन्होंने कहा कि एमपी किसान ऐप के माध्यम से भी किसान अपना पंजीयन कर सकते हैं।
कलेक्टर ने बताया कि भावांतर योजना के तहत 24 अक्टूबर से 15 जनवरी 2026 तक किसानों को सोयाबीन की फसल के विक्रय पर भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा। पंजीयन के लिए समग्र योजना, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, खसरा और आधार से लिंक मोबाइल नंबर आवश्यक होगा।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि कलेक्टर कार्यालय में सभी फाइलों का ऑनलाइन प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए। सेवा पखवाड़ा अभियान के तहत किए गए कार्यों की प्रगति की जानकारी ली गई। पीएमएफएमई योजना में तेजी लाने के निर्देश दिए गए और हितग्राहियों तक लाभ पहुंचाने के लिए एलडीएम से समन्वय करने को कहा गया।
कलेक्टर ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को पर्याप्त खाद स्टॉक उपलब्ध कराने और खाद वितरण की जानकारी अपडेट रखने के निर्देश दिए। सभी एसडीएम को निर्देशित किया गया कि वे समितियों का निरंतर निरीक्षण करें और किसी भी तरह की कमी पर तुरंत कार्रवाई करें।
कलेक्टर ने सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों के निराकरण की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को विशेष ध्यान देकर 50 दिन और 300 दिन से लंबित शिकायतों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करना होगा। सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से योजनाओं के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग फील्ड स्तर पर करनी होगी।
कलेक्टर ने चेतावनी दी कि सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने उपसंचालक कृषि को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
अन्य योजनाओं पर फोकस
बैठक में कलेक्टर ने कई योजनाओं की समीक्षा भी की, जिनमें ‘एक बगिया मां के नाम’, आयुष्मान कार्ड 70+, खाद्य विभाग के ई-केवाईसी कार्य, पोषण माह की गतिविधियाँ, लखपति दीदी योजना, पीएम मातृवंदना योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, पीएम सूर्य घर बिजली योजना, शिक्षा विभाग के नामांकन कार्य, आधार और आपार आईडी निर्माण, ‘ड्राप मोर क्रॉप’ योजना, एकीकृत बागवानी विकास मिशन, पीएमएफएमई योजना और भावांतर योजना शामिल हैं।
कलेक्टर ने कहा कि सभी योजनाओं का उद्देश्य सीधे जनता तक लाभ पहुँचाना है और इसके लिए अधिकारियों को अपने कार्यों में तत्पर, पारदर्शी और समयबद्ध होना होगा।